ED (प्रवर्तन निदेशालय – जो विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन और धन शोधन के अपराधों की जांच करती है) ने पिछले सप्ताह ही Xiaomi के 5500 करोड़ के एसेट ज़ब्त किये हैं। ईडी का कहना है कि कंपनी ने विदेशी कंपनियों को अवैध रूप से पैसे भेजे हैं और इसे रॉयल्टी पेमेंट का नाम दिया जा रहा है। Xiaomi पर आरोप है कि उसने जबसे भारत में अपना काम शुरू किया है, उससे पहले से ही यानि 2015 से विदेशी मुद्रा अन्य कंपनियों को भेजना शुरू किया, जो अब तक लगभग 5,551.27 करोड़ रूपए है। कंपनी ने रॉयल्टी इनकम के नाम पर ये पैसे तीन अलग-अलग कंपनियों को भेजे हैं, जिनमें से एक Xiaomi के ही ग्रुप की है और बाकी दो कंपनियां अमेरिका की हैं, लेकिन अंत में उनका फायदा या पैसा भी Xiaomi को ही मिलता है।
इसके अलावा ईडी ने ये भी कहा है कि जिन तीन कंपनियों को Xiaomi द्वारा पैसे भेजे गए हैं, उनसे Xiaomi ने कोई सेवा या प्रोडक्ट नहीं लिया है, फिर भी इन्हें पैसे भेजे गए हैं। कंपनी ने अपने इन स्मार्टफोनों को पूरी तरह से भारत के अंदर ही तैयार किया है। साथ ही Xiaomi पर बैंकों को इस पैसे के बारे में गलत जानकारी देने का भी आरोप है। अब इस आरोप पर Xiaomi का कहना ये है कि ये पैसे बाहर की कंपनियों को उन लाइसेंस्ड टेक्नोलॉजी और IP एड्रेस के लिए दिए गए हैं, जो भारत में Xiaomi के प्रोडक्ट पर इस्तेमाल किये जाते हैं। इस मुद्दे को लेकर इन गलतफहमियों को सुलझाने के लिए हम भारतीय सरकार के साथ काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि इसी आरोप के चलते ईडी ने हाल ही में Xiaomi India के हेड मनु कुमार जैन को समन भी भेजा था और उनसे पूछताछ भी की थी। अभी भी ईडी इस मुद्दे की जांच कर रही है, देखना ये है कि इस जांच का क्या नतीजा निकलता है।

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